हिंदी कहानियां प्रेरणादायक FUNDAMENTALS EXPLAINED

हिंदी कहानियां प्रेरणादायक Fundamentals Explained

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हिंदी कहानी मजेदार

यहाँ एक कहानी है जो बताती है उन चुनौतियों के बारे में जब आप किसी काम को खुद से करने की चेष्ठा करते हैं।

स्टोरीटाइम, हालांकि, एक ऐसी एक्टिविटी है जो बच्चों को कभी बोर नहीं करती। चाहे वह बेडटाइम स्टोरी हो या स्कूल के लिए स्टोरी रीडिंग हो। यह आदत बच्चे को धीरे–धीरे एक अच्छा रीडर बनाती है और साथ ही उसे अच्छे संस्कार और भविष्य के लिए जरुरी सीख भी मिलती है, कहानी हमेशा विशेष होती है।

स्वामी ! बात यह हैं कि सभी पशुओ ने आज सभा करके और सोचकर मै बहुत छोटा हु, मुझे तथा अन्य चार खरगोशो को आपके भोजन के लिए भेजा था.

इसलिए आपस में लड़ने झगड़ने और मनुष्य जन्म के मूल्यवान समय को व्यर्थ करने की अपेक्षा जीचन को अच्छे कर्मों और नाम सुमिरण में लगाओं ताकि तुम्हारा लोक परलोक संवर जाएगा.

काफी समय तक निहोरे किये, तब भी व न माना. फिर कुछ समय बाद भैसों का झुण्ड आया. कुरज ने करुण स्वर में विनती की.

अगले दिन भी सेठ लड़के की उस बात को नही भूल पाया, उसने तुरंत लड़के को बुलाया और कल रात के स्वप्न की बात फिर पूछी- लड़का इस बार भी वह बात टाल गया.

उमा की माँ ने कहा मैं तुम्हारी गुडिया को जोडकर तब तक तैयार कर दूंगी जब तक तू बया का घौसला तैयार नही कर देती, यदि तू उसके कार्य में विद्य न डालकर उनकी मदद करती तो बया अब तक अपना घौसला बना देती.

इससे पहले कि आप आगे पढ़ें अब जबकि मैंने यह किताब पूरी कर ली है, जो कि अब प्रिंट में आने ही जा रही है, आपको बताना ज़रूरी है कि मैं कौन हूँ और यह पुस्तक क्यों लिख रहा हूँ। मैं संयोग से लेखक बना। जीवन ...

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देथा जी की अन्य लघु कथाएं मैं बातां री फुलवारी,प्रेरणा,सोरठा,रूँख,कबू रानी,बापु के तीन हत्यारे विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.

ये रचना कल्पनिक है इसका वासतविकता से कोई लेना नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य पाठकों का मनोरंजन करना है। इस कहानी के मुख्य किरदार है समर्थ और ईशाना, जो एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं, लेकिन उनकी ...

एक दिन, एक मछुआरा तालाब के पास आया और मछली को देखकर प्रसन्न हुआ। उसने जाल डालने और उन्हें पकड़ने की योजना बनाई।

दोनों भाई घर गये और अपने अपने घर से भोजन बनवाकर ले आए. महात्मा जी ने उन दोनों को बैठने के लिए कहा. तत्पश्चात उन्होंने भोजन के तीन भाग किए और दोनों भाइयों को भोजन करने का आदेश देकर भोजन करने लगे.

समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ

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